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शोभना सम्मान-2012

Sunday, July 28, 2013

दुमदार दोहे

हाय राम कैसे हुई, मतदाता से चूक
डाल-डाल पर डोलते, अब तक यहाँ उलूक 
जातिवाद में बह गये 
छीपा-लोटा ले चला, शहरों में फुटपाथ
जहाँ बसी सम्पन्नता, कुछ लग जाये हाथ 
श्रमकण के सहयोग से 
मानव का तानव मिला, ताना मारी देह 
संसद के प्राणी नहीं, राजा जनक विदेह 
खाते-पीते लोग हैं 
कदम-कदम पर ठहरते, महुआ और कबाब 
इंतजाम जनतंत्र का, तेरा नहीं जवाब 
आमदनी उछली फिरे 
गाँधी जी का मन्त्र था, मद्यपान हो बंद 
उनके चेलों को मगर, ये है बहुत पसंद 
चेले अब तक मौन हैं   

शिवानन्द सिंह "सहयोगी"

मेरठ, उत्तर प्रदेश
दूरभाष: 09412212255